RIP Pride of Karnataka: Inspiring life story of SM Krishna | निधन 10 दिसंबर 2024 को 92 वर्ष की आयु

SM Krishna का निधन 10 दिसंबर 2024 को 92 वर्ष की आयु में हुआ। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके निधन से कर्नाटक ने न केवल एक महान राजनेता, बल्कि एक दूरदर्शी और सज्जन नेता को खो दिया है, जिन्होंने राज्य के औद्योगिक और आईटी क्रांति में अभूतपूर्व योगदान दिया। उनका जाना कर्नाटक और भारतीय राजनीति के लिए एक युग का अंत है।

SM Krishna कर्नाटक की राजनीति के सज्जन नेता और आईटी क्रांति के जनक। उनके जीवन, उपलब्धियों और कर्नाटक के विकास में उनके योगदान को जानें

अमेरिकी सपने से भारतीय राजनीति तक का सफर

1950 के दशक में जब SM Krishnaअमेरिका में फुलब्राइट स्कॉलर के रूप में पढ़ाई कर रहे थे, तो उनके पास वह सबकुछ था जिससे वे अमेरिका में एक सफल करियर बना सकते थे। लेकिन अपने बीमार पिता और परिवार की जिम्मेदारियों के चलते वे भारत लौट आए। यह उनकी मातृभूमि के प्रति समर्पण की मिसाल थी।

राजनीतिक यात्रा की शुरुआत

1962 में, 30 वर्षीय SM Krishna ने पहली बार चुनाव लड़ा और विधायक बने। उनकी सहज शैली और समाजवादी विचारों ने उन्हें जल्द ही राजनीति का उभरता सितारा बना दिया। 1971 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीता और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के करीबी बन गए।

आईटी क्रांति के जनक

1999 में मुख्यमंत्री बनने के बाद, SM Krishna ने बेंगलुरु को एशिया की सिलिकॉन वैली में बदलने की नींव रखी। आईटी पार्क, बेंगलुरु मेट्रो और केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जैसे उनके सपने आज कर्नाटक की पहचान बन गए हैं।

राजनीति से परे एक आदर्श व्यक्तित्व

एस.एम. कृष्णा केवल राजनेता नहीं थे। वे एक संगीत प्रेमी, पुस्तक प्रेमी, और बेहतरीन टेनिस खिलाड़ी भी थे। उनकी सादगी और गरिमा ने उन्हें “कर्नाटक का आखिरी सज्जन” बना दिया।

SM Krishna
SM Krishna

Pride of Karnataka

एक युग का अंत

92 वर्ष की आयु में एस.एम. कृष्णा ने दुनिया को अलविदा कहा। उनके द्वारा स्थापित आदर्श और उनके कार्य कर्नाटक और भारत के विकास की कहानी को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।

एस.एम. कृष्णा को कर्नाटक के लोग हमेशा सम्मान और गर्व के साथ याद करेंगे।

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