Earthquake
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जो पृथ्वी की सतह पर तीव्र झटकों का कारण बनती है। यह घटना तब होती है जब पृथ्वी के भीतर चट्टानें या टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं, खिसकती हैं, या टूट जाती हैं। इस प्रक्रिया से ऊर्जा का एक बड़ा हिस्सा अचानक बाहर निकलता है, जो सतह पर कंपन या झटके के रूप में महसूस होता है।
भूकंप कैसे और क्यों आते हैं?
भूकंप मुख्य रूप से पृथ्वी की ऊपरी परत (क्रस्ट) में टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों के कारण आते हैं। जब ये प्लेटें लगातार खिसकती हैं, तो वे आपस में टकरा सकती हैं, अलग हो सकती हैं या एक-दूसरे के ऊपर-नीचे हो सकती हैं। इनके बीच तनाव बढ़ता है, और जब यह तनाव सहने की सीमा से अधिक हो जाता है, तो अचानक टूट जाता है, जिससे ऊर्जा का एक झटका निकलता है और भूकंप आता है। इस प्रक्रिया को वैज्ञानिक भाषा में “भूकंपीय ऊर्जा” का निकलना कहा जाता है।
भूकंप की तीव्रता और माप
भूकंप की तीव्रता और इसके प्रभाव को मापने के लिए कई मापदंड होते हैं:
- रिक्टर स्केल: रिक्टर स्केल का उपयोग भूकंप की तीव्रता मापने के लिए किया जाता है। इसे 1 से लेकर 10 तक की स्केल में मापा जाता है, जहां प्रत्येक अंक पिछली तीव्रता से दस गुना अधिक होता है।
- मर्काली स्केल: मर्काली स्केल का उपयोग भूकंप के प्रभाव को मापने के लिए किया जाता है, जो यह दिखाता है कि भूकंप से कितना नुकसान हुआ है। यह 1 से 12 तक के स्तर में होता है, जिसमें 12 सबसे अधिक विनाशकारी स्तर होता है।
- फोकस और एपिसेंटर:
- फोकस (Hypocenter): यह वह स्थान है जहां भूकंप की उत्पत्ति होती है, यानी पृथ्वी की सतह के भीतर का स्थान।
- एपिसेंटर (Epicenter): यह पृथ्वी की सतह का वह स्थान है जो फोकस के ठीक ऊपर होता है, और यहाँ सबसे अधिक झटके महसूस होते हैं।
भूकंप के कारण
- टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल: पृथ्वी की सतह के नीचे बड़ी-बड़ी प्लेटें होती हैं जो लगातार हरकत करती रहती हैं। इनके बीच होने वाली हलचल से तनाव पैदा होता है जो भूकंप का कारण बनता है।
- ज्वालामुखीय गतिविधि: जब किसी क्षेत्र में ज्वालामुखी सक्रिय होता है, तो वहां पर भी भूकंप आ सकते हैं।
- मानव गतिविधियाँ: जैसे कि खनन, बड़े बांध बनाना, या परमाणु परीक्षण भी कभी-कभी भूकंप का कारण बन सकते हैं।
भूकंप के प्रकार
- टेक्टोनिक भूकंप: यह सबसे सामान्य प्रकार है और पृथ्वी की प्लेटों के खिसकने के कारण आता है।
- ज्वालामुखीय भूकंप: यह ज्वालामुखी के विस्फोट के समय आता है।
- इंड्यूस्ड भूकंप: मानव गतिविधियों के कारण उत्पन्न भूकंप को इंड्यूस्ड भूकंप कहा जाता है।
भूकंप के प्रभाव
भूकंप के प्रभाव व्यापक और विनाशकारी हो सकते हैं, जो इस पर निर्भर करता है कि भूकंप की तीव्रता कितनी थी और आबादी कितनी थी:
- भवनों और पुलों का टूटना: भूकंप के कारण इमारतें गिर सकती हैं और पुल टूट सकते हैं।
- सुनामी: यदि भूकंप समुद्र में आता है, तो यह बड़ी-बड़ी लहरें उत्पन्न कर सकता है जिसे सुनामी कहा जाता है।
- भूस्खलन: भूकंप के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन हो सकते हैं।
- इंफ्रास्ट्रक्चर का नुकसान: बिजली, पानी, और अन्य आवश्यक सेवाओं पर भी असर पड़ता है।
भूकंप से बचाव के उपाय
- भूकंप-प्रतिरोधी भवन निर्माण: भवनों का निर्माण इस प्रकार से होना चाहिए कि वे भूकंप के झटकों को सहन कर सकें।
- आपातकालीन किट: घर में हमेशा एक आपातकालीन किट रखें जिसमें पानी, भोजन, दवाइयाँ, टॉर्च आदि शामिल हों।
- भूकंप के समय सुरक्षा के नियम:
- किसी मजबूत चीज के नीचे छुपें, जैसे कि मेज या बिस्तर।
- सिर और गर्दन की सुरक्षा करें।
- बाहर जाने के बजाय अंदर ही रहें।