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Shahrukh Khan के बारे में पूरी जानकारी | जीवन परिचय

Shahrukh Khan

Shahrukh Khan

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

शाहरुख का जन्म 2 नवंबर 1965 को दिल्ली के एक मिडिल-क्लास परिवार में हुआ। उनके पिता मीर ताज मोहम्मद खान पेशावर से थे, और उनकी माता लतीफ फातिमा दिल्ली से। बचपन से ही शाहरुख में आत्मविश्वास और अभिनय की झलक थी। उन्होंने सेंट कोलंबस स्कूल में पढ़ाई की, जहाँ वे पढ़ाई के साथ-साथ खेल और नाटक में भी भाग लेते थे। अपने स्कूल के दिनों में उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया, जो स्कूल का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार होता है।

शाहरुख ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई हंसराज कॉलेज से की और बाद में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स की पढ़ाई शुरू की। हालाँकि, अभिनय के प्रति उनके जुनून ने उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर मुंबई जाने के लिए प्रेरित किया, जहाँ उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की।

टेलीविजन से फिल्मों तक का सफर

शाहरुख खान ने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन के सीरियल “फौजी” (1989) से की, जिसमें उन्होंने एक आर्मी जवान अभिमन्यु राय का किरदार निभाया। इसके बाद, उन्होंने “सर्कस” और “दिल दरिया” जैसे टीवी शो में काम किया। टेलीविजन से मिली प्रसिद्धि ने उन्हें फिल्मों में प्रवेश करने का मौका दिया, और यहीं से उनके करियर का नया अध्याय शुरू हुआ।

फिल्मों में प्रवेश और शुरुआती संघर्ष (1992-1995)

शाहरुख ने 1992 में फिल्म दीवाना से बॉलीवुड में कदम रखा। इस फिल्म में उनके अभिनय को दर्शकों ने बेहद सराहा और उन्हें सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला। इसके बाद, उन्होंने चमत्कार, राजू बन गया जेंटलमैन, और कभी हाँ कभी ना जैसी फिल्मों में काम किया।

शुरुआत में शाहरुख ने बाजीगर और डर जैसी फिल्मों में नेगेटिव किरदार निभाए, जो उस समय के लिए एक जोखिम भरा कदम था। इन फिल्मों में उनकी खलनायक की भूमिका ने उन्हें एक नई पहचान दी और साबित किया कि वह केवल रोमांटिक हीरो नहीं हैं, बल्कि एक बहुमुखी अभिनेता हैं।

बॉलीवुड के बादशाह बनने की यात्रा (1995-2005)

1995 में आई दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (DDLJ) ने शाहरुख को बॉलीवुड का “किंग ऑफ रोमांस” बना दिया। आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने उन्हें हर घर का चहेता बना दिया। इसके बाद, कुछ कुछ होता है, दिल से, मोहब्बतें, कभी खुशी कभी ग़म जैसी फिल्मों ने शाहरुख को एक रोमांटिक सुपरस्टार बना दिया।

2002 में आई संजय लीला भंसाली की देवदास में उनके किरदार ने उनकी अभिनय क्षमता को और अधिक निखारा। इस फिल्म ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई और उन्होंने कई पुरस्कार भी जीते।

कुछ विशेष फिल्में और यादगार भूमिकाएँ

शाहरुख खान की कुछ और महत्वपूर्ण फिल्मों और उनके किरदारों पर एक नजर डालते हैं:

  1. स्वदेश (2004) – इस फिल्म में शाहरुख ने एक एनआरआई वैज्ञानिक की भूमिका निभाई, जो भारत आकर ग्रामीण विकास के लिए काम करता है। यह फिल्म उनके करियर की सबसे चुनौतीपूर्ण फिल्मों में से एक मानी जाती है।
  2. चक दे! इंडिया (2007) – शाहरुख ने इस फिल्म में भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच कबीर खान का किरदार निभाया। यह फिल्म महिला सशक्तिकरण और खेल भावना का प्रतीक बन गई।
  3. ओम शांति ओम (2007) – इस फिल्म में उन्होंने पुनर्जन्म की कहानी में एक अभिनेता का किरदार निभाया। फिल्म के गाने और शाहरुख की जोड़ी दीपिका पादुकोण के साथ बहुत पसंद की गई।
  4. माई नेम इज़ खान (2010) – इस फिल्म में शाहरुख ने एस्पर्जर सिंड्रोम से पीड़ित एक व्यक्ति की भूमिका निभाई, जो अपने साथ हुए भेदभाव का सामना करता है। इस किरदार को निभाने के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा मिली।
  5. डॉन (2006) और डॉन 2 (2011) – इसमें शाहरुख ने एक चालाक और खतरनाक डॉन का किरदार निभाया। यह भूमिका उनके अब तक के सबसे चुनौतीपूर्ण और स्टाइलिश किरदारों में से एक मानी जाती है।

शाहरुख का निजी जीवन और परिवार

1991 में शाहरुख ने गौरी छिब्बर से शादी की, जो एक पंजाबी परिवार से हैं। उनके तीन बच्चे हैं – आर्यन, सुहाना, और अबराम। शाहरुख का परिवार उनके लिए हमेशा से एक मजबूत समर्थन प्रणाली रहा है, और वे अपने पारिवारिक जीवन के बारे में अक्सर बात करते हैं। उनका मानना है कि उनका परिवार उनकी सफलता और संतुलन का मुख्य स्तंभ है।

शाहरुख का प्रभाव और दानशीलता

शाहरुख न केवल एक अभिनेता हैं, बल्कि एक सफल बिजनेसमैन भी हैं। उनकी रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट कंपनी फिल्म निर्माण और विशेष प्रभाव (VFX) के क्षेत्र में अग्रणी है। इसके अलावा, वे इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के सह-मालिक भी हैं।

वह चैरिटी कार्यों में भी सक्रिय हैं। शाहरुख ने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, और महिला सशक्तिकरण के लिए कई प्रयास किए हैं। उन्होंने दुनिया भर में कई परोपकारी कार्य किए हैं और 2018 में उन्हें वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा ‘क्रिस्टल अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।

प्रमुख पुरस्कार और सम्मान

शाहरुख खान ने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए कई फिल्मफेयर अवार्ड्स शामिल हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2005 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें फ्रांस सरकार द्वारा ‘लीजन ऑफ ऑनर’ और ‘ऑर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स’ जैसे प्रतिष्ठित सम्मान भी प्राप्त हुए हैं।

शाहरुख खान का सांस्कृतिक प्रभाव

शाहरुख खान न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में लोकप्रिय हैं। उनका जादू केवल भारतीय उपमहाद्वीप तक सीमित नहीं है, बल्कि मध्य पूर्व, अमेरिका, यूरोप, और अन्य देशों में भी उनके करोड़ों प्रशंसक हैं। उनके चाहने वाले उन्हें प्यार से “SRK” कहते हैं और वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की एक सांस्कृतिक पहचान बन गए हैं। उनके विचार, संवाद और उनका अंदाज सिनेमा में हमेशा के लिए अमर हैं।

वर्तमान और भविष्य

शाहरुख खान ने एक बार कहा था, “मैं फिल्मों में इसलिए नहीं हूँ क्योंकि मैं सफल होना चाहता हूँ, बल्कि इसलिए हूँ क्योंकि मुझे अभिनय से प्यार है।” 2020 के बाद कुछ समय तक उन्होंने फिल्मों से ब्रेक लिया, लेकिन उनकी वापसी फिल्म पठान (2023) के साथ हुई, जिसने बॉक्स ऑफिस पर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया। उनकी हाल की फिल्में, जैसे जवान और डंकी, ने भी बड़े पैमाने पर चर्चा बटोरी है।

शाहरुख खान का सफर एक प्रेरणा है कि किस प्रकार कड़ी मेहनत, जुनून और आत्मविश्वास से एक साधारण व्यक्ति भी सफलता की बुलंदियों तक पहुँच सकता है।

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