Rishabh Pant set the record for scoring a half-century in the least number of balls for India in a Test match against New Zealand.

Rishabh Pant set the record for scoring a half-century in the least number of balls for India in a Test match against New Zealand.

भारतीय क्रिकेटर और विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए टेस्ट मैच में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ सबसे तेज़ अर्धशतक बनाने का नया रिकॉर्ड बनाया। इस तीसरे और अंतिम टेस्ट के दूसरे दिन पंत ने मात्र 36 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया, जिससे उन्होंने अपने अद्वितीय बल्लेबाजी कौशल का प्रदर्शन किया। पंत ने 59 गेंदों में 60 रनों की तेज पारी खेली, जिसमें उन्होंने 8 चौके और 3 छक्के जड़े और उनकी स्ट्राइक रेट 101.69 रही।

इससे पहले, यह रिकॉर्ड भारतीय सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के नाम था, जिन्होंने इसी श्रृंखला के दूसरे टेस्ट में यह उपलब्धि हासिल की थी। इसके अलावा, हरभजन सिंह और सरफराज खान भी ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने तेज अर्धशतक बनाकर अपनी टीम का नाम रोशन किया है। हरभजन ने 2010 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 42 गेंदों में अर्धशतक बनाया था, वहीं सरफराज खान ने भी इस श्रृंखला के पहले टेस्ट में 42 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया था।

भारत की पहली पारी में 263 रन बनाकर आउट होने के बाद टीम ने 28 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की। शुभमन गिल ने शानदार पारी खेलते हुए 146 गेंदों में 90 रन बनाए, जिसमें 7 चौके और 1 छक्का शामिल था। ऋषभ पंत ने अपने 60 रन की पारी से टीम का स्कोर बढ़ाया, और वाशिंगटन सुंदर ने भी 36 गेंदों पर 38* रन बनाए जिसमें 4 चौके और 2 छक्के शामिल थे।

न्यूज़ीलैंड की ओर से एजाज पटेल ने अपनी गेंदबाजी से भारतीय टीम पर दबाव बनाते हुए 5 विकेट चटकाए, जबकि मैट हेनरी, ग्लेन फिलिप्स और ईश सोढ़ी ने एक-एक विकेट हासिल किया। न्यूजीलैंड की पहली पारी में 235 रन बनाते हुए रवींद्र जडेजा ने 5 विकेट लेकर अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवाया।

rishabh pant

ऋषभ पंत की जीवनी

ऋषभ पंत, भारतीय क्रिकेट के एक उभरते हुए सितारे, अपने आक्रामक बल्लेबाजी शैली और विकेटकीपिंग कौशल के लिए जाने जाते हैं। उनका पूरा नाम ऋषभ राजेंद्र पंत है और उनका जन्म 4 अक्टूबर 1997 को उत्तराखंड के हरिद्वार में हुआ था। बचपन से ही क्रिकेट के प्रति गहरी रुचि रखने वाले पंत ने इस खेल में खुद को एक बेहतरीन बल्लेबाज और कुशल विकेटकीपर के रूप में स्थापित किया है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

ऋषभ पंत का क्रिकेट के प्रति प्रेम बचपन से ही दिखाई देने लगा था। उन्होंने अपने शुरुआती क्रिकेट कौशल की शिक्षा रुड़की में ली, लेकिन बाद में अपने क्रिकेट करियर को एक नया मुकाम देने के लिए दिल्ली चले आए। दिल्ली में उन्होंने क्रिकेट कोचिंग के लिए सोनेट क्लब ज्वाइन किया, जहां उन्हें प्रशिक्षक तारक सिन्हा का मार्गदर्शन मिला। सिन्हा ने ऋषभ की प्रतिभा को पहचाना और उनकी क्रिकेट की यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पंत के खेल में सुधार के बाद उन्हें दिल्ली की अंडर-19 टीम में चुना गया, जहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया।

क्रिकेट करियर की शुरुआत

ऋषभ पंत ने 2015 में दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफी में अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर की शुरुआत की। अपने पहले ही सीज़न में उन्होंने कई शानदार पारियां खेलीं और ध्यान आकर्षित किया। 2016 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में भी उनका प्रदर्शन उल्लेखनीय था। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पारियां खेली और भारत को सेमीफाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। इस टूर्नामेंट में उन्होंने नेपाल के खिलाफ केवल 18 गेंदों में अर्धशतक बनाकर अपनी तेजी और आक्रामकता का परिचय दिया, जो आज भी एक रिकॉर्ड है।

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में सफर

2016 में आईपीएल की नीलामी में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) ने उन्हें खरीदा। पंत ने अपने पहले सीजन में ही बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया और टीम में अपनी जगह पक्की की। उनके आक्रामक बल्लेबाजी अंदाज ने उन्हें दिल्ली कैपिटल्स का एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना दिया। उन्होंने 2018 के आईपीएल सीज़न में शानदार प्रदर्शन किया और कई मौकों पर टीम को जीत दिलाने में अहम योगदान दिया। उनकी लगातार अच्छी फॉर्म और जिम्मेदारी के चलते दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें 2021 में अपनी टीम का कप्तान नियुक्त किया, जिसमें उन्होंने टीम को प्लेऑफ तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की।

अंतरराष्ट्रीय करियर

ऋषभ पंत ने 1 फरवरी 2017 को इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 इंटरनेशनल से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की। इसके बाद 2018 में उन्हें टेस्ट और वनडे टीम में भी शामिल किया गया। टेस्ट क्रिकेट में उन्हें एक विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में पहचाना गया। उन्होंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़ी टीमों के खिलाफ विदेशी सरजमीं पर शानदार पारियां खेलीं। ऋषभ पंत ने 2018 में इंग्लैंड के ओवल में अपने टेस्ट करियर का पहला शतक लगाया और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में भी शतक जमाया। इन सफलताओं ने उन्हें भारतीय टेस्ट टीम का एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना दिया।

2020-21 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा में खेली गई उनकी ऐतिहासिक पारी को क्रिकेट जगत ने बहुत सराहा। उन्होंने 89 रनों की नाबाद पारी खेलकर भारत को गाबा में जीत दिलाई, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी सरजमीं पर एक ऐतिहासिक जीत थी। इसके बाद पंत को भारत के प्रमुख विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में देखा जाने लगा।

खेल शैली और विशेषता

ऋषभ पंत की बल्लेबाजी शैली आक्रामक और रचनात्मक है। वे जल्दी से रन बनाने में सक्षम हैं और किसी भी गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ निर्भीकता से खेलते हैं। उनकी विकेटकीपिंग स्किल्स में भी तेजी है और वे टेस्ट, वनडे और टी-20 तीनों फॉर्मेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं। ऋषभ पंत की शैली की तुलना अक्सर पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से की जाती है, खासकर उनकी फिनिशिंग क्षमताओं और साहसी खेल के लिए।

उपलब्धियां और रिकॉर्ड्स

  • टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए सबसे तेज अर्धशतक बनाने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज।
  • विदेशी धरती पर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दोनों में टेस्ट शतक लगाने वाले सबसे युवा भारतीय।
  • गाबा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 89 रन की पारी, जिसने भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
  • दिल्ली कैपिटल्स के लिए आईपीएल 2018 में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी।

व्यक्तिगत जीवन

ऋषभ पंत का परिवार उनके करियर में हमेशा से सहायक रहा है। उनके पिता का निधन 2017 में हुआ, जो पंत के लिए एक बड़ा धक्का था, लेकिन उन्होंने इस परिस्थिति से उबरकर क्रिकेट में अपना ध्यान केंद्रित रखा। उनकी मां और बहन ने उनके जीवन में अहम भूमिका निभाई है, और वे अक्सर अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करते हैं।

निष्कर्ष

ऋषभ पंत ने भारतीय क्रिकेट में एक युवा और प्रभावशाली खिलाड़ी के रूप में अपनी जगह बनाई है। उनकी आक्रामकता, ऊर्जा और साहस ने उन्हें क्रिकेट प्रेमियों के बीच एक अलग पहचान दिलाई है। भविष्य में उनसे भारतीय टीम के लिए और भी बड़े कारनामों की उम्मीद है।

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