Site icon NEWS IN TODAY

Normalization Process : क्या होती है यह प्रक्रिया ? इसी के विरोध के कारण KHAN SIR को किया गया है गिरफ्तार Breaking News2

Khan Sir was arrested for opposing the normalization process

Khan Sir was arrested for opposing the normalization process

Khan Sir Arrested : What is the process of Normalization that is being opposed?

Khan Sir was arrested for opposing the normalization process

जब एक ही दिन में एक से अधिक शिफ्ट्स में परीक्षा होती है और प्रत्येक शिफ्ट के प्रश्न पत्र की कठिनाई स्तर अलग-अलग होता है, तो नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया की जाती है। इसके तहत प्रत्येक छात्र के स्कोर को विभिन्न शिफ्ट्स के स्तर के हिसाब से समायोजित किया जाता है, ताकि सभी छात्रों को समान अवसर मिल सके।

Normalization प्रक्रिया का उद्देश्य

नॉर्मलाइजेशन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विभिन्न शिफ्ट्स के बीच प्रश्न पत्र की कठिनाई के अंतर का सही तरीके से मूल्यांकन हो सके। उदाहरण के लिए, एक शिफ्ट में परीक्षा बहुत कठिन हो सकती है, जबकि दूसरी शिफ्ट में अपेक्षाकृत आसान प्रश्न हो सकते हैं। नॉर्मलाइजेशन के द्वारा इन दोनों शिफ्ट्स के छात्रों के स्कोर को बराबरी पर लाया जाता है, जिससे प्रत्येक छात्र का सही मूल्यांकन हो सके।

नॉर्मलाइजेशन कैसे किया जाता है?

नॉर्मलाइजेशन आमतौर पर अंक सुधारने के लिए एक विशिष्ट फॉर्मूला के आधार पर किया जाता है। इसके तहत पेपर की कठिनता को मापने के लिए पिछले पेपरों के औसत और छात्रों के प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाता है। इसके बाद एक सांस्कृतिक औसत स्कोर निकाला जाता है और उसी आधार पर छात्रों के परिणामों को समायोजित किया जाता है।

Khan Sir was arrested for opposing the normalization process

Normalization की प्रक्रिया

नॉर्मलाइजेशन के लिए कई सांख्यिकीय विधियां अपनाई जाती हैं। आमतौर पर “इक्विपरसेंटाइल मेथड” या “जेड-स्कोर मेथड” जैसी तकनीकें इस्तेमाल होती हैं। भारत में कई परीक्षाओं में “नॉर्मलाइजेशन का फार्मूला” SSC और अन्य सरकारी निकायों के द्वारा उपयोग किया जाता है।

स्टेप्स इन नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस:

  1. सभी शिफ्ट्स के स्कोर की तुलना:
    सभी शिफ्ट्स के छात्रों के रॉ स्कोर (Raw Score) की तुलना की जाती है।
  2. सामान्य औसत और विचलन का उपयोग:
    प्रत्येक शिफ्ट के औसत अंक (Average Marks) और मानक विचलन (Standard Deviation) को निकाला जाता है।
  3. फॉर्मूला:
    सबसे सामान्य फॉर्मूला इस प्रकार होता है:

    नॉर्मलाइज्डस्कोर=(अभ्यर्थी का रॉ स्कोर)+(सभी शिफ्ट्स का औसत−उस शिफ्ट का औसत)नॉर्मलाइज्ड स्कोर = \text{(अभ्यर्थी का रॉ स्कोर)} + (\text{सभी शिफ्ट्स का औसत} – \text{उस शिफ्ट का औसत})या फिर, किसी अन्य मानकीकरण प्रक्रिया का उपयोग किया जा सकता है।

  4. फाइनल स्कोर का निर्धारण:
    नॉर्मलाइजेशन के बाद सभी शिफ्ट्स के छात्रों के फाइनल स्कोर का उपयोग मेरिट लिस्ट तैयार करने के लिए किया जाता है

नॉर्मलाइजेशन के लाभ

  1. समान अवसर: यह सुनिश्चित करता है कि विभिन्न शिफ्ट्स में परीक्षा देने वाले छात्रों को समान अवसर मिले।
  2. उचित मूल्यांकन: विभिन्न शिफ्ट्स के कठिनाई स्तर में भिन्नता को सही ढंग से मान्यता दी जाती है, जिससे प्रत्येक छात्र का मूल्यांकन उचित तरीके से होता है।
  3. अन्यथा भेदभाव से बचाव: नॉर्मलाइजेशन के बिना, छात्रों को कठिन पेपरों से नुकसान हो सकता है, जबकि आसान पेपरों से उन्हें अनावश्यक लाभ मिल सकता है।

नॉर्मलाइजेशन अपनाने वाली परीक्षाएं:

  1. SSC (कर्मचारी चयन आयोग)
  2. रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB)
  3. IBPS और बैंक परीक्षाएं
  4. UPPSC और अन्य राज्य PCS परीक्षाएं
  5. NTA द्वारा आयोजित परीक्षाएं (जैसे JEE और NEET)

नॉर्मलाइजेशन के नुकसान

  1. छात्रों को अनावश्यक लाभ या हानि: कुछ छात्र नॉर्मलाइजेशन के कारण अधिक अंक प्राप्त कर सकते हैं, जबकि कुछ अन्य छात्रों को इससे नुकसान भी हो सकता है।
  2. जनरल स्टडीज पेपर: जनरल स्टडीज के पेपर में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया सही नहीं मानी जाती है, क्योंकि यह अधिक सांस्कृतिक और विश्लेषणात्मक होता है, जिसमें कठिनाई के स्तर का निर्धारण करना मुश्किल होता है।
  3. गलतफहमी और विवाद: नॉर्मलाइजेशन के कारण कुछ छात्रों को यह महसूस हो सकता है कि उनके साथ धोखा हुआ है, खासकर अगर वे अपेक्षाकृत कठिन पेपर देने के बावजूद अच्छे अंक प्राप्त नहीं कर पाते हैं।

Normalization के खिलाफ विरोध

हाल ही में बीएससी की परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया पर भारी विरोध हो रहा है। छात्रों का कहना है कि यह प्रक्रिया उनके साथ अन्याय कर रही है और इसके कारण उन्हें उचित अंक नहीं मिल रहे हैं। इस विरोध में नामी शिक्षक KHAN SIR को गिरफ्तार भी किया गया था।

इसके अलावा, UPPSC और अन्य उच्च स्तरीय परीक्षाओं में भी नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं। UPPSC के द्वारा भी नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया की बात की गई थी, जिसके बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार को यह प्रक्रिया वापस लेनी पड़ी।

Khan Sir was arrested for opposing the normalization process

नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ विरोध की प्रमुख घटनाएँ

  1. बीएससी परीक्षाएँ: हाल में बीएससी में नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किए। छात्रों का कहना था कि यह प्रक्रिया उनकी कड़ी मेहनत को नकारती है।
  2. UPPSC परीक्षा: यूपीएससी में नॉर्मलाइजेशन की संभावना के कारण छात्रों ने विरोध किया, और यह मुद्दा चर्चा में आया। छात्रों ने नॉर्मलाइजेशन को रद्द करने की मांग की थी।
  3. ARO/RO परीक्षा: आरोही और आरो परीक्षा में भी नॉर्मलाइजेशन की चर्चा हो रही है, जिससे छात्रों में असमंजस है।
नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का विरोध करने के कारण खान सर हुए गिरफ्तार

नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को लेकर विवादों की लिस्ट

  1. UPPSC Civil Services Examination: नॉर्मलाइजेशन पर पहले विवाद हो चुका है, लेकिन इसको वापस ले लिया गया।
  2. Bihar BPSC Exams: यहां भी नॉर्मलाइजेशन का मुद्दा उठ चुका है, जहां छात्रों ने इसे रद्द करने की मांग की थी।
  3. BSF Constable Exam: यहां भी नॉर्मलाइजेशन के कारण छात्रों ने प्रदर्शन किया था।
  4. ARO/RO Exams: उत्तर प्रदेश सरकार की परीक्षाओं में भी नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया की चर्चा हो रही है, जिससे छात्रों का विरोध बढ़ा है।
  5. Bihar Police Sub-Inspector Exam: इस परीक्षा में भी नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को लेकर विरोध हुआ है।

 

नॉर्मलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जो विभिन्न शिफ्ट्स में परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करती है। हालांकि, इसके कुछ लाभ होते हैं, लेकिन इससे छात्रों के बीच असंतोष भी उत्पन्न हो सकता है, खासकर जब यह जनरल स्टडीज जैसे विषयों में लागू होता है। नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को लेकर विभिन्न परीक्षाओं में विरोध भी हो रहा है, और छात्रों की शिकायतें इस विषय पर लगातार उठ रही हैं।

इसलिए, नॉर्मलाइजेशन को लेकर एक सटीक और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए, जिससे सभी छात्रों को समान रूप से लाभ मिल सके।

Exit mobile version