Indian cricket’s painful journey: Clean sweep against New Zealand
भारतीय क्रिकेट का दर्दनाक सफर: न्यूज़ीलैंड के खिलाफ क्लीन स्वीप
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए यह एक निराशाजनक समय है, जब न्यूज़ीलैंड ने भारतीय धरती पर खेली गई टेस्ट श्रृंखला में पूरी तरह से 3-0 से क्लीन स्वीप किया। तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में, न्यूज़ीलैंड ने एक बार फिर भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरियों का फायदा उठाते हुए 25 रन से जीत हासिल की।
तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन, भारतीय टीम को जीत के लिए 148 रनों का लक्ष्य मिला था, जो दिखने में संभव था, लेकिन जब टीम बल्लेबाजी के लिए उतरी, तो विकेटों का पतन शुरू हो गया। भारत ने 121 रनों पर ही सभी विकेट खो दिए, जिसमें आठ बल्लेबाजों ने तो दहाई का आंकड़ा भी नहीं छुआ। इस मैच में ऋषभ पंत ने ही संघर्ष किया, उन्होंने 64 रन बनाकर अपनी टीम के लिए थोड़ी उम्मीद जगाई, लेकिन यह अकेली पारी अंततः टीम को जीत दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं थी। कप्तान रोहित शर्मा, जो कि टीम के अनुभवी बल्लेबाजों में से एक हैं, केवल 11 रन ही बना सके।
न्यूज़ीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया, और उनकी पहली पारी में 235 रन बने। भारतीय गेंदबाज रवींद्र जडेजा ने दोनों पारियों में शानदार प्रदर्शन करते हुए 5-5 विकेट लिए, लेकिन बल्लेबाजी में उनका कोई साथी नजर नहीं आया। भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में 263 रन बनाकर मामूली बढ़त बनाई, लेकिन न्यूज़ीलैंड की दूसरी पारी में 174 रन पर ऑल आउट होने के बाद भी भारतीय टीम को चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का सामना करना पड़ा।
यह श्रृंखला भारत के लिए एक कड़वी याद बन गई है, खासकर पिछले 12 सालों में घरेलू मैदान पर पहली बार टेस्ट श्रृंखला हारने के कारण। बेंगलुरु और पुणे में भी भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था, बेंगलुरु में आठ विकेट से और पुणे में 113 रन से।
इस तरह, न्यूज़ीलैंड ने अपनी क्रिकेट प्रतिभा का लोहा मनवाया और भारतीय टीम के सामने एक कठिन सच्चाई रखी, जिससे उन्हें अपने खेल में सुधार करने की आवश्यकता स्पष्ट हो गई है। आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट को नए सिरे से अपनी रणनीतियों पर विचार करना होगा और टीम के अनुभवियों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करना होगा।