IAS Sanjeev Hans के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्रवाई: 23.72 करोड़ की संपत्ति जब्त, 100 करोड़ के घोटाले का आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार कैडर के 1997 बैच के आईएएस अधिकारी Sanjeev Hans और उनके सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के गंभीर मामले में बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के तहत ईडी ने 23.72 करोड़ रुपये मूल्य की सात अचल संपत्तियां जब्त की हैं, जिनमें नागपुर में तीन भूखंड, दिल्ली में एक फ्लैट और जयपुर में तीन फ्लैट शामिल हैं। यह कार्रवाई पीएमएलए (PMLA) 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है।
ईडी का आरोप और संपत्ति का विवरण
ईडी ने आरोप लगाया है कि संजीव हंस और उनके सहयोगियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध तरीके से संपत्तियां अर्जित की हैं। जब्त संपत्तियों में नागपुर, दिल्ली और जयपुर की प्रमुख लोकेशनों पर स्थित फ्लैट और भूखंड शामिल हैं।
- 18 अक्टूबर 2024: ईडी ने संजीव हंस को पटना से गिरफ्तार किया।
- 20 अक्टूबर 2024: राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
- 25 अक्टूबर 2024: ईडी ने विशेष न्यायालय में 20,000 पृष्ठों का आरोप पत्र दाखिल किया।
- 28 नवंबर 2024: ईडी ने संजीव हंस की 23.72 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त करने की घोषणा की।
इसके अलावा, ईडी ने विशेष न्यायालय में करीब 20,000 पृष्ठों का आरोप पत्र दाखिल किया है, जिसमें संजीव हंस और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव समेत पांच लोगों पर 100 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया है।
संजीव हंस के वकील का बयान: साजिश की बू
आईएएस अधिकारी के वकील डॉ. फारुख ने ईडी की कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ईडी ने अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की है, लेकिन अब तक इसका विवरण संजीव हंस को उपलब्ध नहीं कराया गया है।
डॉ. फारुख ने कहा, “मेरे मुवक्किल का ट्रैक रिकॉर्ड बिल्कुल साफ है। उन्होंने बिहार में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि ईडी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर यह साबित किया जा सकता है कि संजीव हंस ने सरकारी कार्यों में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं की है।
मीडिया में लीक की गई जानकारी पर सवाल
वकील ने आरोप लगाया कि ईडी ने जानबूझकर मामले की जानकारी को मीडिया में लीक किया है, जिससे नकारात्मक धारणा बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से संजीव हंस की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है।
संजीव हंस के वकील ने कहा, “मेरा मुवक्किल निर्दोष है और उन्हें देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। हम आशा करते हैं कि न्यायालय से उन्हें न्याय मिलेगा।”
आगे की कार्रवाई की संभावना
ईडी की जांच अभी भी जारी है, और इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं। इस बीच, संजीव हंस और उनके वकील ने मामले को कानूनी रूप से लड़ने की बात कही है।
संजीव हंस का मामला प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में चर्चा का केंद्र बन गया है। जहां ईडी इसे भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा मामला मान रही है, वहीं हंस के समर्थक इसे साजिश करार दे रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मामले में न्यायालय के फैसले का इंतजार रहेगा।