Helicopter Crash : पोरबंदर एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा 3 की मौत

Helicopter Crash पोरबंदर एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा: तटरक्षक बल का हेलीकॉप्टर क्रैश, 3 की मौत

गुजरात के पोरबंदर हवाई अड्डे पर आज एक बड़ा हादसा हुआ। भारतीय तटरक्षक बल का एक ALH (एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर) क्रैश हो गया, जिसमें तीन जवान शहीद हो गए और कई अन्य घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब पायलट नियमित ट्रेनिंग कर रहे थे।

हादसे की जानकारी

घटना सुबह करीब 11:30 बजे की है। बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर ने टेक-ऑफ के कुछ ही समय बाद अपना संतुलन खो दिया और रनवे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के तुरंत बाद एयरपोर्ट प्रशासन और बचाव दल ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को पोरबंदर के स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

शहीद हुए जवान

दुर्घटना में भारतीय तटरक्षक बल के तीन जवानों ने अपनी जान गंवाई। इनमें एक सीनियर पायलट, एक को-पायलट और एक तकनीकी स्टाफ शामिल हैं। इनके नामों की आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।

Helicopter Crash
Helicopter Crash

घायलों की स्थिति

हादसे में घायल हुए अन्य जवानों का इलाज जारी है। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना का कारण जानने के लिए जांच शुरू कर दी गई है।

प्रारंभिक कारण

प्रारंभिक जांच में संकेत मिल रहे हैं कि तकनीकी खराबी इस दुर्घटना की वजह हो सकती है। हालांकि, विस्तृत जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा।

सुरक्षा पर उठे सवाल- Helicopter Crash

यह घटना तटरक्षक बल की सुरक्षा तैयारियों पर सवाल खड़े करती है। ALH हेलीकॉप्टरों को भारतीय सेना और तटरक्षक बल द्वारा विभिन्न मिशनों के लिए उपयोग किया जाता है। इनकी तकनीकी विश्वसनीयता को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं।

शोक की लहर

इस दुर्घटना के बाद पूरे देश में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर शहीद जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

जांच और सुधार की मांग

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए हेलीकॉप्टरों की नियमित जांच और तकनीकी सुधारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। तटरक्षक बल ने आश्वासन दिया है कि हादसे के कारणों का पता लगाने के बाद आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

यह घटना न केवल एक बड़ी त्रासदी है, बल्कि सुरक्षा तैयारियों और तकनीकी मानकों को और मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर देती है। शहीद हुए जवानों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

 

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