War Hamas News :
अमेरिका और कतर के बीच हालिया फैसले से Hamas को एक बड़ा झटका लगा है, क्योंकि कतर ने दोहा में स्थित हमास के राजनयिक कार्यालय को बंद करने का आदेश दे दिया है। इस फैसले के पीछे का मुख्य उद्देश्य इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष को शांत करना और बंधकों की रिहाई के लिए मध्यस्थता का प्रभावी इस्तेमाल करना है।
पृष्ठभूमि: हमास का दोहा में ठिकाना
2012 से कतर की राजधानी दोहा में Hamas के अधिकारियों को जगह दी गई है। यहां कतर ने अपने देश में हमास नेताओं को एक प्रकार से सुरक्षित आवास दिया था। अमेरिका इसे एक कूटनीतिक रास्ता मानता रहा, ताकि शांति की बातचीत के अवसर बने रहें।
बदलाव की जरूरत क्यों पड़ी?
7 अक्टूबर को Hamas के हमले के बाद, अमेरिका ने कतर को एक कड़ा संदेश दिया कि अब सामान्य व्यापारिक और कूटनीतिक संबंध बनाए रखना कठिन है। हाल ही में हुई बातचीत में किसी स्थायी युद्धविराम या बंधकों की रिहाई को लेकर कोई ठोस समाधान नहीं निकला, जिससे बाइडेन प्रशासन के विचार बदल गए। अमेरिका ने Hamas की उपस्थिति को अस्वीकार्य करार दिया।
अमेरिकी सहयोगी देशों से दूर रखना
अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि बंधकों की रिहाई को लेकर Hamas की नीतियों ने बातचीत के अवसरों को बाधित किया है। इसलिए, उन्होंने अपने साझेदार देशों से भी आग्रह किया है कि हमास नेताओं का उनके देशों में स्वागत न किया जाए। इस फैसले के तहत Hamas नेता खालिद मेशाल, जो दोहा में रह रहे थे, को भी बाहर निकालने का दबाव बढ़ गया है।
कतर की भूमिका
कतर ने इस संघर्ष में मध्यस्थ की भूमिका निभाई है। इसके बावजूद, अमेरिका ने कतर पर जोर दिया है कि वे Hamas को अपने देश से निष्कासित करें। कतर के अधिकारियों ने औपचारिक रूप से तो हमास के निष्कासन की पुष्टि नहीं की है, लेकिन पिछले साल उन्होंने संकेत दिया था कि अगर वाशिंगटन ऐसा अनुरोध करेगा, तो वे तैयार हैं।
निष्कासन का क्या असर होगा?
Hamas का दोहा से निष्कासन आतंकवादी समूह पर दबाव बढ़ाएगा। वाशिंगटन के पास प्रतिबंध और अन्य उपकरण भी हैं, जो इस दबाव को और मजबूत करेंगे। संभावित रूप से तुर्की, ईरान, ओमान, लेबनान, या अल्जीरिया हमास के नए ठिकाने हो सकते हैं, लेकिन इनमें से प्रत्येक के साथ कुछ जटिलताएं हैं।
बाइडेन प्रशासन की रणनीति
बाइडेन प्रशासन कई पहलों पर काम कर रहा है ताकि बंधक संकट को हल किया जा सके और शांति स्थापित हो। प्रशासन इस कोशिश में है कि यह समस्या उनके कार्यकाल के अंत से पहले हल हो।