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Goverdhan गोवर्धन पूजा के बारे में विस्तार से जानकारी | गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है ?

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गोवर्धन पूजा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है। इसे अन्नकूट या प्रतिपदा भी कहा जाता है। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत, और गोधन (गायों) की पूजा करना है। मान्यता है कि इस पूजा से समृद्धि, सुख, और संरक्षण मिलता है। आइए इस पर्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।

गोवर्धन पूजा का महत्व

गोवर्धन पूजा की उत्पत्ति का एक पौराणिक कथा में वर्णन है। भगवान श्रीकृष्ण ने जब देखा कि वृंदावन के लोग इंद्र देव की पूजा करते हैं, तो उन्होंने उन्हें गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का सुझाव दिया। भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपना रूप मानकर इसकी पूजा करने का संदेश दिया ताकि वे इंद्र के क्रोध से सुरक्षित रह सकें। इस कथा के अनुसार, जब इंद्र ने क्रोधित होकर भारी वर्षा कर दी, तो कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठा लिया और सभी को सुरक्षा प्रदान की। इस प्रकार, गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के इस अद्भुत कार्य की याद में की जाती है।

गोवर्धन पूजा 2024 में कब है?

2024 में गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को मनाई जाएगी।

पूजा सामग्री

गोवर्धन पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

  1. गोबर (गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाने के लिए)
  2. धूप, दीप, और अगरबत्ती
  3. फूल-माला
  4. दूध, दही, घी, शहद और मिश्री (पंचामृत के लिए)
  5. मिठाई, विशेष रूप से लड्डू
  6. चावल, पान, सुपारी
  7. विभिन्न प्रकार के व्यंजन, जिन्हें अन्नकूट कहा जाता है

पूजा की पद्धति

  1. गोवर्धन पर्वत बनाना: सबसे पहले गोबर से एक छोटी पहाड़ी या गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई जाती है। इसे फूलों और अन्य सजावट से सजाया जाता है।
  2. भगवान कृष्ण की स्थापना: गोवर्धन पर्वत के पास भगवान कृष्ण की प्रतिमा या चित्र रखा जाता है।
  3. धूप-दीप प्रज्वलन: गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण के सामने धूप-दीप जलाया जाता है।
  4. अन्नकूट भोग अर्पण: इस दिन विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं जिन्हें अन्नकूट कहा जाता है। इन्हें भगवान को भोग स्वरूप अर्पित किया जाता है। इन व्यंजनों में चावल, रोटी, सब्जियाँ और मिठाई शामिल होती हैं।
  5. आरती और मंत्रोच्चारण: फिर गोवर्धन पूजा की विशेष आरती और मंत्रों का उच्चारण किया जाता है।
  6. गोवर्धन परिक्रमा: गोवर्धन पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करना भी है। इस परिक्रमा को करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

गोवर्धन पूजा में होने वाली अन्य गतिविधियाँ

गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति, प्रकृति और गोवर्धन पर्वत के प्रति सम्मान, और संपत्ति की रक्षा के उद्देश्य से मनाई जाती है।

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