Pushpa 2 Movie Review : फिल्म अपनी ही महत्त्वाकांक्षा के बोझ तले दबी
लेखक-निर्देशक बी. सुकुमार ने Pushpa : द राइज की जबरदस्त सफलता के बाद उसी फार्मूले को दोहराने का प्रयास किया है। लेकिन पुष्पा: द रूल – पार्ट 2 में यह प्रयास कई बार उलझनों और अतिरंजित दृश्यों में बदल जाता है।
फिल्म की कहानी और प्रदर्शन: Pushpa 2 Movie Review
फिल्म की कहानी पुष्पा (Allu Arjun) की क्राइम साम्राज्य की सीमा को भारत से बाहर ले जाने की कोशिश करती है। कहानी में एक ओर पुष्पा का पुलिस अधिकारी भंवर सिंह शेखावत (फहाद फासिल) से टकराव चलता है, तो दूसरी ओर उसका घरेलू जीवन उसकी पत्नी श्रीवल्ली (Rashmika Mandana) के साथ दिखाया गया है।
कमज़ोर पटकथा और अतिरंजित दृश्य:
सुकुमार की पटकथा कई जगह बिखरी हुई और खिंची हुई लगती है। खासकर फिल्म के पहले दो घंटे, जो बार-बार फ्लैशप्वाइंट्स के बीच झूलते हैं। फिल्म की लंबाई (200 मिनट) दर्शकों के धैर्य की परीक्षा लेती है।
तकनीकी पहलू और छायांकन:
फिल्म के छायाकार मिरोस्लाव कुबा ब्रोजेक ने पिछली फिल्म की तरह इस बार भी अपने कौशल का प्रदर्शन किया है। दृश्य भले ही प्रभावी हों, लेकिन कहानी का असमान प्रवाह इसे कमजोर कर देता है।
Pushpa 2 Movie Review
पात्रों का प्रदर्शन:
Allu Arjun ने पुष्पा के किरदार में दमदार प्रदर्शन किया है। उनकी बॉडी लैंग्वेज और डायलॉग डिलीवरी प्रशंसनीय हैं। फहाद फासिल की मौजूदगी फिल्म को एक नया आयाम देती है, लेकिन बाकी पात्रों को उतना महत्व नहीं दिया गया है।
Pushpa 2 Movie Review
फिल्म का अंत और संभावनाएं:
फिल्म के अंत में पुष्पा और उसके सौतेले भाई के बीच टकराव एक बड़े एक्शन सीक्वेंस में बदलता है। क्लाइमेक्स में देवी काली के रूप में पुष्पा का परिवर्तन एक बार फिर से दर्शकों को बांधता है। अंत में तीसरे भाग पुष्पा: द रैम्पेज के संकेत दिए जाते हैं।
पुष्पा: द रूल – पार्ट 2 अपने शानदार विजुअल्स और मुख्य किरदार के दम पर दर्शकों को बांधने की कोशिश करती है, लेकिन कहानी और पटकथा की कमज़ोरियां इसे पूरी तरह से सफल नहीं होने देती। यह फिल्म केवल पुष्पा और अल्लू अर्जुन के फैंस के लिए ही आकर्षण हो सकती है।